Read more »
MS06 संतवाणी सटीक
प्रभु प्रेमियों ! भारतीय साहित्य में वेद, उपनिषद, उत्तर गीता, भागवत गीता, रामायण आदि सदग्रंथों का बड़ा महत्व है। इन्हीं सदग्रंथों जैसा परम पूजनीय ग्रंथ 'संतवाणी सटीक' हम संतमतानुयायियों के लिए है। जिसका शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सद्गुुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज, ने किया है. संत वाणियां बहुत है, उनमें से प्रमुख और विशेष लोकप्रिय भजनों को इसमें स्थान दिया गया है। संतवाणी अर्थ सहित की कई संस्करण भी निकला है. यहां उनकी भी जानकारी दी जाएगी. जिसकी टीका पूज्यपाद लाल दास जी महाराज एवं अन्य महापुरुषों द्वारा किया गया है । संतवाणी सटीक के विषय में सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के निम्नलिखित उद्गार हैं- "गुरु महाराज ने दृढ़ता के साथ यह ज्ञान बतलाया कि सब संतों का एक ही मत है । मैंने सोचा कि यदि बहुत - से संतों की वाणियों का संग्रह किया जाए , तो उस संग्रह के पाठ से गुरु महाराज की उपर्युक्त बात की यथार्थता लोगों को उत्तमता से विदित हो जाएगी । इसी हेतु मैंने यत्र - तत्र से उनका संग्रह किया ।" ' संतवाणी ' का संग्रह हुआ , बड़ा अच्छा हुआ ; परन्तु इन वाणियों का अर्थ भी आप कर दें , तो और भी अच्छा हो । ' मुझको भी यह बात अच्छी लगी । सबका संग्रह कर एक पुस्तकाकार रूप में छपवा दिया जाए जिससे कि लोग उस पुस्तक से विशेष लाभ उठावें ।" संतवाणी सटीक नामक पुस्तक का यही इतिहास है। ( और जाने )
price/INR192.00(Mainprice₹240-20%=192.00)
off/-20%
size/21.5cm/14.5cm/1.1cm/L.R.U.
'महर्षि मेँहीँ साहित्य सीरीज' की उन्नीसवीं पुस्तक "MS05 . श्रीगीता - योग - प्रकाश" के लेखों में ध्यानाभ्यास, सदाचार, सद्गुरु इत्यादि व्यवहारिक ज्ञान को उजागर करने वाली पुस्तक के बारे में जानने के लिए 👉 यहां दवाएँ।





0 Reviews