MS14 सत्संग- सुधा भाग 3 || वेद-उपनिषद्, गीता-रामायण एवं सन्तवाणी सम्मत ईश्वर-भक्ति, सदाचार आदि का वर्णन

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MS14 सत्संग-सुधा भाग 3

     प्रभु प्रेमियों ! 'महर्षि मेँहीँ साहित्य सूची' की चौदहवीं पुस्तक "सत्संग- सुधा भाग 3" है । इस पुस्तक में  सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के 24 प्रवचन हैं। इन प्रवचनों में  मानव-जीवन के सर्वांगीण और पूर्ण विकास तथा कल्याण के लिए ईश्वर भक्ति या अध्यात्म-ज्ञान की अनिवार्य आवश्यकता है। वेदों, उपनिषदों, गीता, सन्तवाणियों में सदा से ईश्वर - स्वरूप, उसके साक्षात्कार करने की सयुक्ति एवं अनिवार्य सदाचार- पालन के निर्देश बिल्कुल एक ही हैं, केवल भाषा, शैली और शब्द-योजनाओं का ही उनमें भेद हैं- - तथ्य और अर्थ सभी के साररूप में एक ही हैं। ऐसा बताया गया है।  आइये इस पुस्तक का अवलोकन करते हैं--

MS14  सत्संग- सुधा भाग 3  मुख्य कवर
सत्संग सुधा भाग 3

वेद-उपनिषद्, गीता-रामायण एवं सन्तवाणी सम्मत ईश्वर-भक्ति, सदाचार आदि का वर्णन

    प्रभु प्रेमियों ! 60 वर्षों से बिंदु-नाद की साधना करते हुए संत- साहित्य के प्रमाणों के आधार पर सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज ने अपने अट्ठारह प्रवचनों में सत्संग, ध्यान, ईश्वर, सद्गुरु, सदाचार एवं संसार में रहने की कला के बारे में बताये हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि वेद-उपनिषद एवं संत- साहित्य में वर्णित बातें बिल्कुल सत्य हैं और जांचने पर प्रत्यक्ष है। लोग इन साधनाओं को करके अपना इहलोक और परलोक के जीवन को सुखमय बना सकते हैं । जिन लोगों ने इसका अनुसरण किया वे धन्य धन्य हो रहे हैं । आप भी पीछे न रहे पढ़िये इन प्रवचनों को और मानव जीवन को धन्य-धन्य बनाइये।  आइये पुस्तक का दर्शन करें--

सचेतन

price/INR51.25(Manprice₹75-33%=51.25) 

off/1 in stock

size/17.40cm/12.10cm/0.50cm/L.R.U


सत्संग सुधा भाग 3
सत्संग सुधा भाग 3.

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नोट- प्रभु प्रेमियों ! पुस्तक का मूल्य ऑफलाइन और ऑनलाइन में काफी अंतर हो जाता है, क्योंकि ऑफलाइन में आप तुरंत पैसे देते हैं और आपको पुस्तक मिल जाती है लेकिन ऑनलाइन में पुस्तक  सेलेक्ट होने के बाद उसे ऑर्डर को देखा जाता है उसकी पैकिंग किया जाता है और फिर डाक के द्वारा भेजने के लिए आदमी का व्यवस्था करना पड़ता है इसमें समय लगता है और मजदूरी लगता है । इंटरनेट का खर्चा आता है । पैसे लेने के लिए भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन फीस लगता है। इसके साथ ही मोक्ष पर्यंत ध्यानाभ्यास कार्यक्रम अबाध रूप से चलता रहे उसके लिए भी इसी में कुछ सहयोग राशि जोड़ दिया जाता है ।  जिस कारण से पुस्तक का मूल्य में बदलाव आपको देखने को मिलेगा आपको। अगर ऑफलाइन में पुस्तक लेंगे तो प्रिंट मूल्य पर मिल जाएगा लेकिन ऑनलाइन में इस तरह का सुविधा करने में असमर्थ हूँ। 

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