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महर्षि मेँहीँ के संक्षिप्त जीवन-उपदेश
प्रभु प्रेमियों ! संत सद्गुरु महर्षिं मेँहीँ परमहसजी महाराज महान् विभूतियों में से एक हैं। जिनके संबंध में उनके सद्गुरु परम संत बाबा देवी साहब दिनांक २२-३-१९१५ ई० के पत्र में लिखते हैं- महाशय, चिट्ठी आई ! आपके लिए हम डण्डोत करते हैं और आपसे ज्यादह संतमत में कोई आदमी नहीं हो सकता। " उन्हीं संत सद्गुरु की सेवा में रहनेवाले एवं पुत्रवत् स्नेह पाने वाले गुरुसेवी स्वामी भगीरथ दासजी महाराज ने 'महर्षि मेँहीँ भ के संक्षिप्त जीवन-उपदेश' नामक पुस्तिका लिखी है। इस पुस्तिका में पूज्य बाबा ने संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहसजी महाराज के संक्षिप्त जीवन एवं अनमोल उपदेशों को गागर में सागर की भांति रखने की कृपा की है। इसमें कुछ रोचक नवीन प्रसंगों के साथ-साथ सद्गुरु महाराज किस प्रकार सम्माननीय व्यक्तियों, धार्मिक स्थलों एवं वहाँ के प्रसाद का भी सम्मान करते थे और किस प्रकार छोटी-छोटी व्यावहारिक बातों को भी सिखाते थे। इन सभी प्रसंगों को भी दर्शाये हैं। प्रस्तुत पुस्तक में पूज्यपाद ने अपनी लिखी 'महर्षि मेँहीँ के दिनचर्या-उपदेश' एवं 'अपने गुरु की याद में' से प्रश्नोत्तरी, पूज्य गुरुदेव और महर्षि महेश योगी के बीच हुए वातालाप एवं सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज के दो प्रवचनों को भी सम्मिलित किये हैं, जिससे साधकों को सत्संग-ध्यान की प्रेरणा मिले। ( ज्यादा जाने )
price/INR11.88(Mainprice₹36-33%=11.88)
off/-33%
size/21.5cm/14.5cm/0.5cm/L.R.U.
पूज्यपद गुरुसेवी भागीरथ साहित्य सीरीज की पंद्रहवी पुस्तक "BS15. पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या। " के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए 👉 यहाँ दवाएँ।






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