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संतो की मौज कैसी होती है और उस मौज-भरी दिनचर्यां में कितना उपदेश है
पूज्य गुरुदेव की असीम दया से पूज्य गुरुदेव की नजदीकी शारीरिक सभी सेवाओं को करने का सौभाग्य मुझ अभागे को प्राप्त हुआ। सेवा करने के समय में मैं कुछ -कुछ इनकी मौज-भरी दैनिक दिनचर्या को अपनी याददाश्त में रखने के लिए लिख लिया करता था। पीछे उसी लिखी हुई बातों से कुछ संस्मरण "महर्षि मेहीं के दिनचर्या-उपदेश', 'अपने गुरु की याद में' और कुछ 'प्रेरक संत-संस्मरण' नाम्नी पुस्तक में प्रकाशित कर दिया गया है। अंतिम-अवस्था में जो दैनिक दिनचर्या में काफी उलट-फेर कर दिये, उन सभी बातों को भी मैं कॉपी में याददाश्त में रखने के ख्याल से लिख लिया करता था। संयोग से उस कॉपी को साथ में रहने वाले श्रीनाथू दासजी ने देख लिया और उसको पढ़ा। पढने के बाद हमसे कहने लगा कि इसको प्रकाशित करने से सत्संगियों को खुशी होगी। इसलिए इसे प्रकाशित करना चाहिए। यह बात और सत्संगियों से कहलवा दिये कि इसको जरूर प्रकाशित किया जाए। सत्संगियों के विशेष आग्रह करने पर यह पुस्तक प्रकाशित किया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि इसके पढ़ने से अवश्य जानकारी होगी कि संतो की कैसी - कैसी मौज होती है और उस मौज- भरी दिनचर्या में कितना उपदेश भरा रहता है। मैं पूज्य गुरुदेव से प्रार्थना करता हूँ कि इस पुस्तक के पढ़ने से संतों के प्रति विशेष श्रद्धा उत्पन्न हो। --भगीरथ। ( ज्यादा जाने )
price/INR201.00(Mainprice₹300-33%=201.00)
off/-33%
size/21.5cm/14.5cm/1.1cm/L.R.U.
पूज्यपाद गुरुसेवी भागीरथ साहित्य सीरीज की चौदहवीं पुस्तक "BS14 . महर्षि मेँहीँ के संक्षिप्त जीवन-उपदेश " के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए 👉 यहाँ दवाएँ।
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| पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या |






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