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महर्षि मेँहीँ की दिनचर्या
महर्षि मेँहीँ के दिनचर्या उपदेशों में मुख्य रूप से सत्संग, ध्यान और स्थूल विषयों से सूक्ष्म की ओर मुड़ने पर जोर दिया गया है। उनके अनुसार, ईश्वर की प्राप्ति और आवागमन के चक्र से मुक्ति पाने के लिए ये दो सबसे महत्वपूर्ण साधन हैं। इसके अलावा, प्रात:काल ईश्वर का नाम लेने और स्थूल (बाहरी) और सूक्ष्म (आंतरिक) विषयों में संतुलन बनाने के लिए ध्यान का अभ्यास करने का उपदेश भी मिलता है। 'महर्षि मेँहीँ की दिनचर्या उपदेश' पुस्तक को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में परम पूज्य अनंत श्री विभूति सद्गुरु महाराजजी का जनक लघु जीवन-वृत्त और दूसरे भाग में कुछ ऐसे प्रसंग हैं जो अव्यक्त के गर्भ में छिपे थे, प्रकट थे। उन सभी चमत्कारी प्रसंगों के साथ कुछ इनकी लघु कथाओं एवं इनके द्वारा बताई गई जड़ी-बूटियों के प्रयोग जो अनेक बीमारियों में लाभकारी हैं। उन प्रसंगों का भी वर्णन किया गया है। ( ज्यादा जाने )
price/INR100.5(Mainprice₹150-33%=100.5)
off/-33%
size/21.5cm/14.5cm/1.3cm/L.R.U.




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